Aditya Hriday Stotra Pdf Download With Lyrics in Hindi

Aditya Hriday Stotra भगवान सूर्य के हृदय स्वरूप है ,और भगवान सूर्य का दूसरा नाम आदित्य है इसलिए इसे आदित्य हृदय स्तोत्र कहा जाता है ! Aditya Hriday Stotra संपूर्ण हिंदी में जिसको आप एक कथा के स्वरूप भी आज सुन सकते हो इसके सुनने मात्र से भी आपको आदित्य ह्रदय स्तोत्र के पाठ में जितना ही फल प्राप्त होगा ! और इसको सुनने से कई प्रकार के लाभ भी होते हैं बकवास आदित्य के निर्देश पर इस आदित्य का उद्देश्य अगस्त्य मुनि ने भगवान राम को दिया था !

Aditya Hriday Stotra

Aditya Hriday Stotra के फायदे

इसी के प्रयोग से रामचंद्र जी ने रावण का वध प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त की इसका नित्य पाठ करने से शत्रु शांत हो जाती है , पित्र दोष का निवारण हो जाता है, सूर्य नारायण की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है , स्वास्थ्य अच्छा रहता है, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है , कोर्ट कचहरी क्षेत्रों में विजय प्राप्त होता है, सरकारी नौकरी या सरकारी कामों में फायदा होता है ,अटके हुए सभी कार्य सफल हो जाते हैं ! इस स्तोत्र के पाठ से सभी पापों का विनाश हो जाता है , यह चिंता और शोक को मिटाने वाला है और आयु को बढ़ाने वाला है ! भगवान सूर्य अपनी अनंत की राह से सुशोभित है यह नित्य उदय होने वाले देवता और असुरों से पूजनीय है ! बस नाम से प्रसिद्ध प्रभा का वितरण करने वाला गण और तंत्र के स्वामी भुनेश्वर है !

Aditya Hriday Stotra

श्री रामचंद्र भगवान युद्ध से थक कर विदा करते हुए रणभूमि में खड़े थे ! इतने में रावण की युद्ध के लिए उनके सामने आकर युद्ध के लिए खड़ा हो गया यह देख अगस्त्य मुनि ने भगवान राम के पास जाकर बोले उन्हीं ने कहा है ! सबके हृदय में रमण करनेवाले महा बली राम यह सनातन रमणीय गोपनीय सूत्र सुनो इसके सुनने मात्र से अपने सत्रू पर विजय पायोगे इसमें संदेह नहीं है ! इसको पनिया स्तोत्र का नाम है आदित्य हृदय स्तोत्र यह परम पवित्र और शत्रु का विनाश करने वाला है !

Aditya Hriday Stotra Lyrics हिंदी

  • येही ब्रम्हा ,विष्णु , स्कन्द , प्रजापति , इंद्रा , कुबेर , कल , यम ,चन्द्रमा , वरुण पिटर वाशु साध्य मरुद्वन , मनु वायु अन्नी प्रजा ऋतू को प्रकट करने बाला तथा प्रभा के तेजोमय पुंज है !
  • इन्ही के नाम आदित्य – अदितिपुत्र सविता -जग्तोत्पति करने बाले , खग आकाश वितरण करने बाले पूषा पुस्तिदायक , भानु प्रकाशक , हिर्रन्यरेता -ब्रान्हंड उत्पति करनेवाले इत्यादि नमो से प्रसिद्ध है !
  • उदयाचल और पश्चमी गिरी यानि अस्ताचल के रूप में आपको नमस्कार है ! ग्रहों और तारो के स्वामी और दिन के अधिपति आपको नमस्कार है !
  • आप तपाये हुए सोने की तरह हो , आप हरी और विस्व्कर्मा हो , ताम के नाशक , प्रकाशस्वरूप जगत के साक्षी हो !
  • सूर्य ही सम्पूर्ण भूतो का संहार करने वाले है पालन करने वाले है ! सूर्य ही अपनी गर्मी से अपनी किरणों द्वारा वर्षा करते है !
  • ये भगवन सबके सो जाने के उपरांत भी जागते रहते है , यही अग्रिहोत्री को मिलने वाले देवता हैं !
  • देवता , यज्ञ के फल प्रदान करने वाले भी यही , सम्पूर्ण जगत में होने वाली क्रियाओ के फल देने वाले यही है !
  • राघव , विपति में , कष्ट में , दुर्गम में , तथा किसी भी प्रकार के भय के अवसर पर जो कोई भी मनुष्य इस सूर्यदेव के स्तोत्र का भजन कीर्तन करता है उसे दुख नहीं होता है !
  • मह्वाहो राम तुम इसी क्षण रावन का वध सकोगे . यह कहकर अगस्त्य मुनि वहां से अन्र्ध्याँ हो गए !

अगस्त्य मुनि का यह उपदेश सुनकर महातेजस्वी राम जी का शोक मदुर हो गया ! उसने प्रशन होकर आदित्याह्रिद्य का पथ किया स्तोर्ता को धारण किया और तिन वर आवगम करके जाप किया ! उसके बाद उत्साह पूर्वक रावन को वध करने के लिए उसके ओर बढ़ने लगे !


उस समय देवताओ के समक्ष खड़े होकर भगवन सूर्य ने प्रस्सन होकर राम जी को ओर देखा और रावन के विनाश का समय जानकर हर्श्पुर्वाक कहा रघुनन्दन जल्दी करो !

Download Aditya Hriday Stotra

डिस्क्लेमर :- Hindi Gyan किसी भी प्रकार के पायरेसी को बढ़ावा नही देता है, यह पीडीऍफ़ सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से दिया गया है! पायरेसी करना गैरकानूनी है! अत आप किसी भी किताब को खरीद कर ही पढ़े ! इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करे !


Download Aditya Hriday StotraBuy on Amazon