Adrishya Humsafar Pdf Download in Hindi

नमस्कार दोस्तों ,
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Adrishya Humsafar Pdf

आज के इस आर्टिकल में बहुत ही रोचक और इमोशनल प्रेम कहानी लेकर हाजिर हैं ! इस नॉवेल का नाम है Adrishya Humsafar के ! हिन्दी साहित्य में इस उपन्यास को बहुत ही प्यार मिला है ! इस नॉवेल में बहुत ही रोचक कहानी है कि प्यार सिर्फ किसी को पा लेना ही कहलाता है ! प्यार तो पवित्र रिश्ता है जो किसी से दूर रह कर भी निभाया जाता है ! आज के युवा वर्ग के लिए ये बहुत ही अच्छा नॉबेल है !

Adrishya Humsafar के खाशियत

Adrishya Humsafar के लेखिका विनय पवार है तथा इसे कोटिल्या प्रकाशन ने प्रकाशित किया है ! ये नॉवेल प्रेम पर आधारित है ! आप चाहे कितनी भी प्रेम कहानी पढ़े हों या पढ़ कर बोर हो गए हों , लेकिन इस नॉवेल को अगर एक बार पढ़ना शुरू कर दिया तो आप रुकेंगे नहीं ! ये इस नॉवेल Adrishya Humsafar के खाशियत है !

Adrishya Humsafar को अगर आप पढ़ना शुरू करेंगे तो आप को रुकने का दिल ही नहीं करेगा , क्योंकि कहानी इतना खूबसूरत है कि आपको आकर्षित करते रहेगा ! ऐसा लगेगा कि अगला भाग में क्या होने वाला है, एक एक पार्ट बहुत ही रोचक है !

Adrishya Humsafar एक प्रेम कहानी

ऐसे तो हर किसी के ज़िन्दगी में एक हमसफर होता है, जो किसी किसी के पूरी ज़िन्दगी बना रहता है ! लेकिन किसी के साथ ऐसा भी होता है कि साथ न रहते हुए भी निभाना पड़ता है ! बहुत कम ऐसे भाग्यशाली लोग होते हैं जो अपने प्रेम को न पाने के बावजूद भी उसके हर परिस्थिति और हर मुश्किल में साथ खड़ा होता है !

Adrishya Humsafar सारांश

ये कहानी अनुराग और ममता के बीच ऐसे ही कहानी को बयां करती है ! छोटी सी उम्र से ही अनुराग , ममता की छवि अपने दिल में बसा लेती है , यूं मानो तो ममता ही अनुराग के लिए सब कुछ होता है ! लेकिन ममता का मानसिकता अनुराग के लिए बिल्कुल उसके उल्टा रहता है ! छोटी सी उम्र से अनुराग ममता के घर में रहते हैं इस बजह से ममता को ऐसा मानसिकता है कि उसके साथ अनुराग बहुत ही खराब व्यक्ति है जो सिर्फ ममता के घर का बटबरा नहीं किया ! बल्कि ममता का माता पिता का प्यार भी बांट लेना चाहते हैं , इसी बजह से ममता से अनुराग चिढ़ते रहते हैं !

लेकिन जैसे जैसे अनुराग का प्रेम बढ़ता जाता है, वैसे ही ममता का प्रेम भी अनुराग के प्रति बढ़ते जाते हैं ! पर किसी के पास भी कुछ कहने का हिम्मत नहीं होता है ! अदृश्य रूप से दोनों प्रेम तो करते हैं , लेकिन दोनों में से कोई भी जाहिर नहीं कर पाता है ! और इस वजह से दोनों प्रेम करते हुए भी अपने प्यार को इजहार नहीं कर पाता है !

एक दिन ममता के माता पिता ने अनुराग से बोलते हैं कि ममता अब बड़ी हो गई है उसकी सादी कर देना चाहिए ! यह सुनकर मानो अनुराग के पैर के नीचे से जमीन ही खिसक जाता है ! अनुराग को लगता है मेरे साथ क्या हो गया ! और वो अपने और ममता के के वादनामी के वजह से दोनों अलग हो जाना ही उचित समझता है !

ममता के सादी हो जाने के वाबजूद भी दोनों एक दूसरे से प्रेम करते रहते हैं ! यहां तक कि अनुराग को शादी हो जाने के बावजूद भी अपने पत्नी को पूर्ण समर्पण नहीं दे पाते हैं ! इस तरह से एक सच्चे प्रेम का अंत हो जाता है !

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