Aparajita Stotra में मां दुर्गा का , मां आदिशक्ति का ही एक स्वरूप का वर्णन किया गया है ! यहां तक कि यह इतना शक्तिशाली स्तोत्र जिस प्रकार से दुर्गा सप्तशती में देव्या कवचम् है ,यानी कि देवी का जो कवच है उसी प्रकार से Aparajita Stotra भी बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है !

What is Aparajita Stotra
अपराजिता स्तोत्र में मंत्रों के सम्बन्ध में बहुधा भ्रम की स्थिति रहती है क्योंकि यदि आपने थोड़ा सा भी अध्ययन और खोज आदि पूर्व की बात किया गया हैं ! उस स्थिति में बहुत से मंत्र ऐसे होते हैं जो आपकी जानकारी से बाहर के होते हैं जो आपको जानकारी न हो ,अर्थात कई बार उनके बीज भिन्न हो सकते हैं और कई बार मंत्र विन्यास या नाश भिन्न हो पाना सम्भव है ! तो इस दशा में सीमित ज्ञान आपको भ्रमित कर देता है – अस्तु सभी मित्रों को मै एक ही सलाह देता हूँ !
शक्ति मंत्रों में यदि “ह्रीं,क्लीं,क्रीं, ऐं,श्रीँ आदि आते हैं तो उन मंत्रों को भेदात्मक दृष्टि से ना देखें क्योंकि एक परम आद्या शक्ति के तीन भेद भक्तों के हितार्थ बने जिन्हे त्रिशक्ति के नाम से भी जाना जाता है ( महाकाली-महालक्ष्मी-महासरस्वती) अन्य शक्ति भेद अथवा क्रम इन्ही तीन मूलों से निःसृत हैं ! अस्तु समस्त मन्त्र आदि इन्ही कुछ मूल बीजों के आस-पास घूमते हैं इसके अतिरिक्त इस बात पर मंत्र विन्यास निर्भर करता है कि जिस भी मंत्र वेत्ता ने उस मंत्र का निर्माण किया होगा !
विनियोग
- इस वैष्णवी अपराजित महाविद्या के वामदेव बृहस्पति मर्कंद्ये ऋषि गायत्री ,लक्ष्मी नारशिंह देवता क्लीन विजम , हूँ शक्ति सकल्कमना सिध्धिके लिए अपराजित विद्या मंत्रपथ में विनियोग करता हूँ !
- मर्कन्डये ऋषि ने कहा – हे मुनियों सवार्थ सिधिदेने वाली असिद्ध्सधिका वैष्णवी अपराजित देवी के इस स्रोत्र के सुने !
Aparajita Stotra Benefits
अपराजिता स्तोत्र का जो कोई भी पाठ करता है वह अपराजित हो जाता है यानी कि उसको कोई भी पराजित नहीं कर सकता ! यह स्तोत्र का जब कोई पाठ करते हैं तो कवच की तरह काम करता है जैसे देवी कवच काम करता है ! उसी प्रकार से यह भी काम करता है !
भयंकर से भयंकर भूत की बाधाओं ,प्रेत की बाधाओं ,चुड़ैल की डाकिनी ,शाकिनी चिन्ह खबीस बेताल कितनी भी बड़ी से बड़ी दूसरी शक्ति क्यों ना हो अगर आप देवी अपराजिता के इस अपराजिता स्तोत्र का पाठ करते हैं तो कोई भी दूसरी शक्ति आप को नुकसान पहुंचा ही नहीं सकती है !
आपका नुकसान पहुंचाना तो बहुत दूर की बात है कोई भी बुरी शक्ति आपका बाल भी बांका नहीं कर सकती ! इतनी शक्ति है इस स्तोत्र के अंदर ठीक है ! और इसी के साथ में अगर आप इस स्तोत्र का नियमित रूप से बात करते रहते हो तो धीरे-धीरे यह स्तोत्र आपको सिद्ध होना शुरू हो जाता है ठीक है इस स्तोत्र का पूर्ण लाभ आपको कब प्राप्त हुआ देखिए जब आप इस स्तोत्र का पाठ करना शुरू कर देंगे !
भगवती देवी की कृपा
भगवती देवी अपराजिता की कृपा से जैसे वह अपराजिता है उसी प्रकार से वह अपने भक्तों को अपने शिष्य को भी अपराजित बना देती है ! अर्थात जो किसी से भरा जितना हो सके इस स्तोत्र के बारे में बहुत सारी बातें भी कही गई है ,जो कि इस स्तोत्र में ही कहीं गई है इस स्तोत्र के बारे में यह तक कहा गया है ! कि जो कोई भी व्यक्ति इस स्तोत्र का पाठ करता है यानी कि जो भी इस अपराजिता परम वैष्णवी आप रहता पढ़ने से सिद्ध होने वाली शक्ति स्मरण करने से सिद्ध होने वाली विद्या है !
इससे सिद्धियां प्राप्त होती है यहां तक कि अगर आप इस स्तोत्र का पाठ करते हो तो और भी जो शक्तियां और भी जो देवी देवता है वह भी आपके ऊपर कृपा करने के लिए बातें हो जाते हैं ,क्योंकि जहां पर मां आदिशक्ति हाथ रख देती है ना तो वहां पर कोई शक्ति दल नहीं सकती अगर मां भगवती मां जगदंबा ने आपके आपके ऊपर हाथ रख दिया तो फिर तो सारी शक्तियां कृपा करेंगे !
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