हिन्दू ज्योतिष शास्त्रों में कुल 27 नक्षत्र माने गए हैं। जिनके आधार पर ही किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी
ज्योतिषीय भविष्यणियां की जाती हैं। उपरोक्त नक्षत्रों में से आज हम भरणी नक्षत्र (Bharani Nakshatra) के बारे में बात करने वाले है कि यदि कोई व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्मा है तो उसका आने वाला जीवन, उसका व्यक्तित्व, रूप,
गुण आदि कैसा होता है। मुख्यता प्रत्येक नक्षत्र की अपनी विशेष महत्ता होती है। ठीक उसी प्रकार से
भरणी नक्षत्र भी ज्योतिषय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण नक्षत्र है। इस साल यह नक्षत्र जनवरी मध्य से शुरू
होकर
मार्च तक प्रभावी रहेगा।
भरणी नक्षत्र (Bharani Nakshatra) क्या होता है?
भरणी नक्षत्र में भरणी से तात्पर्य धारक से होता है। साथ ही भरणी नक्षत्र समस्त नक्षत्रों में दूसरे स्थान पर
आता है। कहा जाता है कि दक्ष प्रजापति की पुत्री भरणी जिन्होंने गणेश जी से विवाह किया था, उनके नाम
पर उपयुक्त नक्षत्र का नाम भरणी पड़ा। ऐसे में यदि आपकी जन्म कुंडली में भी भरणी नक्षत्र मौजूद है तो
आपके ऊपर मंगल और शुक्र का प्रभाव सदा ही बना रहेगा।
भरणी नक्षत्र के जातकों की राशि मेष होती
है और उनका स्वामी मंगल होता है। यह नक्षत्र मुख्यता तीन तारों के समूह से मिलकर बनता है और स्त्रियों
की कुंडली में यह फलदाई माना जाता है। हालांकि भरणी नक्षत्र के देवता यम होते हैं, ऐसे में इस नक्षत्र में
किसी भी शुभ कार्य को करना ठीक नहीं माना जाता है।
भरणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों का व्यक्तित्व कैसा होता है?
जिन व्यक्तियों की कुंडली में भरणी नक्षत्र का योग होता है, अक्सर उन्हें बड़े दिल वाला व्यक्ति कहा जाता
है। दूसरी ओर, भरणी नक्षत्र (Bharani Nakshatra) के कुंडली में मौजूद होने पर व्यक्ति साहसी, प्रेरणादाई और धार्मिक
मान्यताओं को मानने वाला होता है। साथ ही वह ईमानदार और स्वाभिमानी प्रवृत्ति के होते हैं। जबकि यह
काफी सरल स्वभाव के होते हैं लेकिन यदि इनके मन में कोई विचार चल रहा होता है तो यह मात्र ऊपर से
शांत दिखाई पड़ते है।
अंदर ही अंदर इनके मन में विचारों का प्रवाह काफी तेज होता है। उपयुक्त राशि के
जातक अपनी अंतरात्मा के विरुद्ध जाकर कोई कार्य संपन्न नहीं करते हैं और ना ही यह किसी प्रकार की
अफवाहों पर ध्यान देते हैं। साथ ही इस नक्षत्र के जातक मातृ पित भक्त होते हैं और बड़ों का सम्मान
करते हैं। जीवन में यह कोई भी कार्य बिना जोखिम लिए संपन्न नहीं करते हैं। उपरोक्त नक्षत्र के जातक
मुख्यता मनोरंजन, खेलकूद, कला, गायन, वकालत आदि क्षेत्रों में परचम लहराते हैं। भरणी नक्षत्र के
जातक जीवन में ऐश्वर्य भोगने की इच्छा रखते हैं। दूसरी ओर, यह जातक अपने प्रेमी से प्रेम निभाने में
भी आगे होते हैं। किसी भी कार्य को दृढ़ निश्चयी होकर संपन्न करते हैं।
इसके अलावा भरणी नक्षत्र में
जन्मे व्यक्तियों का स्वास्थ्य अन्य की तुलना में बेहतर होता है। यह किसी भी व्यक्ति से लाभ पाने के लिए
उनकी चापलूसी नहीं करते हैं। साथ ही यह किसी भी परिस्थिति में अपने परिवार वालों को खुश रखने
की कोशिश करते हैं। इनके अच्छे स्वभाव के चलते इनके दोस्तों की संख्या अधिक होती है। जिसके
चलते इनका अधिकतर जीवन सुखमय ही व्यतीत होता है।
भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की शारीरिक संरचना कैसी होती है?
उपयुक्त नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्तियों के शरीर की लंबाई मध्यम होती है और गर्दन लंबी होती है।
साथ ही यह सुंदर आंखों के धनी होते हैं। इनकी मुस्कान सबके दिलों को छू लेने वाली होती है। हालांकि
इनका व्यक्तित्व सदैव ही सामने वाले को आकर्षित कर देता है।
प्राय: भरणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले
व्यक्ति समाज में प्रेम और भाई चारे को स्थापित करने वाले होते हैं। भरणी नक्षत्र के जातक जिस काम
को ठान लेते है उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। इस प्रकार, उपयुक्त नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति
मृदुभाषी, व्यवहारकुशल और सुंदर रूप और आकार वाले होते हैं।
भरणी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली सूचक कौन – कौन से हैं?
- भरणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों के लिए लाल रंग भाग्यशाली माना जाता है।
- यम देवता भरणी नक्षत्र के जातकों के लिए शुभ माने जाते हैं।
- उपरोक्त नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के लिए त्रिकोण भाग्यशाली प्रतीक माना जाता है।
- भरणी नक्षत्र में उत्पन्न होने वाले लोगों का नाम ली, ले, लो से प्रारंभ होता है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति जीवन के उतरार्द्ध में सफ़लता प्राप्त करते हैं।
भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों को जीवन में किन बातों का ध्यान अवश्य
रखना चाहिए?
उपरोक्त नक्षत्र के जातकों को हमेशा वाद विवाद की स्थिति से बचना चाहिए। साथ ही बेवजह की लड़ाई
से भी दूर रहना चाहिए। भरणी नक्षत्र के लोगों को दूसरे व्यक्तियों से अपनी तुलना कभी नहीं करनी
चाहिए। इससे इनकी शक्ति क्षीण होती है। साथ ही इन्हें सदैव ही विलासिता पूर्ण जीवन से बचना
चाहिए।
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भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों को क्या धार्मिक उपाय करने चाहिए?
भरणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों को जीवन पर्यन्त आंवले के पेड़ की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।
साथ ही आंवले का दान और इसके पेड़ का संरक्षण करना भी भरणी नक्षत्र के जातकों के लिए
लाभकारी माना गया है।
भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों को कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले
के पेड़ की छांव में बैठकर भोजन करना चाहिए। इससे इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
इसके अलावा इन्हें भगवान शिव, पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए ताकि यह ग्रहों के बुरे
प्रभाव से बच सकें।
इस प्रकार हमने उपरोक्त लेख के माध्यम से हमने भरणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों से जुड़ी बातों के बारे में
जानकारी हासिल की।
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