
Bhrigu Samhita Pdf को आप यहाँ से फ्री में Download कर सकते है! Bhrigu Samhita का उपयोग लोगो के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है! भृगु संहिता हो भृगु ऋषि ने लिखा है!
भृगु शिव के पहले सात में शिष्यों में से एक थे ! शिव के प्रति अपनी भक्ति एवं श्रध्दा प्रकट करने के लिए वे शिव के चारो ओर तीन प्र्दक्षिणा करना उनका दैनिक नियम था ! भृगु शिव के अत्यंत उत्साही भक्त थे, और उनका शिव के प्रति अधिकार पूर्ण भाव था!
एक दिन उन्होंने सोचा की मैं पार्वती के चारो ओर चक्कर क्यों लगाऊं, हमें शिव के पत्नी से क्या लेना देना है मुझे तो सिर्फ शिव की ही प्रदिक्षणा करनी है! तो उन्होंने पारवती से दूर हटने के लिए कहा, तो पार्वती बहुत नाराज हुयी और उन्होंने इंकार कर दिया !
इस पर भृगु ने एक छोटे पक्षी का रूप लेकर पार्वती को बाहर रखते हुए उन्होंने सिर्फ शिव की परिक्रमा किया ! शिव इस मजेदार परिस्थिति को देख रहे थे, पर पार्वती यह देखकर की भृगु सिर्फ शिव के परिक्रमा कर रहे थे तो उन्हें बहुत गुस्सा आया ! शिव जी ये देखने के लिए भृगु इसके आगे क्या करते है, इसके लिए शिव जी ने पार्वती को अपने गोद में बैठा लिया !
इससे शिव और पार्वती के बीच में कोई अंतर ही नही रह गया, भृगु ने एक भौरे का रूप ले किया और वो शिव के सिर के चारो और परिक्रमा करते हुए फिर पार्वती को बाहर छोड़ दिया ! इससे पार्वती का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया पर भगवान् शिव इस नाटक का आनंद ले रहे थे !
इसके बाद शिव ने पार्वती को अपने अंदर ही ले लिया, शिव ने पार्वती को अपना एक हिस्सा बना लिया और वे दोनों एक हो गये, शिव ने अपना आधा भाग छोड़ दिया और पार्वती के आधे भाग को मिलाकर अर्धनारीश्वर बन गये !
भृगु ने फिर भवरे के ही रूप में रह कर एक छेड़ कर डाला और फिर से केवल शिव की ही प्र्दाक्षिणा की ! अब तो पार्वती भयंकर क्रोधित होकर भृगु के श्राप दे दिया! उन्होंने भृगु को शरीर नाश होने के श्राप दिया और कहा की तुम शिव की परिक्रमा करना तो दूर तुम एक कदम भी चल नही सकोगे ! तुन्हें ऐसा ही होना चाहिए, इससे भृगु का शरीर पूरी तरह से नष्ट हो गया !
उनके शरीर ने सिर्फ कंकाल और तवचा रह गयी थी ! वे ना तो खड़े हो सकते थे और ना ही चल सकते थे ! इसपर शिव ने पार्वती से कहा की ये आपने क्या कर दिया वे एक भक्त है और भक्त पागल होते है! वे ये सब आपका अपमान करने के लिए नही कर रहे थे ! आपने सिर्फ उनसे ये कहा होता है की मैं भी शिव हूँ तो वे आपकी भी परिक्रमा करते !
लेकिन इसके बाद कुछ भी नही हो सकता था, इसपर शिव ने उन्हें एक तीसरा पैर दिया जिसपर वे खड़े हो सके, आप किसी किसी शिव मदिर में यह देख सकते है की मंदिर के बाहर आपको एक तीन पैर वाले पुरुष को छवि दिखती होगी !
वह उनका पैर सिर्फ खड़े होने के लिए नही था, उस पैर से वे तीनो लोको को समझ को प्राप्त कर सके ऐसा प्रतीकात्मक पैर था ! तीनो लोक के समझ एक बाद उन्होंने जो रचना की उस रचना को हम भृगु संहिता [Bhrigu Samhita] कहते है !
What is Bhrigu Samhita | भृगु संहिता क्या है ?
Bhrigu Samhita एक भृगु ऋषि के द्वारा रचित एक ग्रन्थ है, इसमें तीनो लोक के बारे में लिखा गया है ! ऋषि भृगु परमपिता ब्रम्हा जी के पुत्र थे !
भृगु संहिता ऋषि भृगु अपने पुत्र शुक्राचार्य के वार्तालाप का एक रूप है! जिस प्रकार से गीता कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का एक रूप है ठीक उसी प्रकार से यह भी भृगु और शुक्राचार्य के बीच हुए संवाद का एक रूप है! यह संहिता को उन्होंने अपने दिव्य दृष्टी के मदद से लिखा है!
भृगु में Bhrigu Samhita में मानवीय चेतना का एक मानचित्र बनाया की कोई मनुष्य किस प्रकार के गर्भ में जाएगा या होगा ! उन्होंने इसे बहुत विस्तार से बनाया, कुछ लोग इस नक्शे को पढ़ और समझ सकने के लिए प्रशिक्षित भी किया ! एक विस्तृत नक्शे को पढने और समझने के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है!
अगर आप हवाई जहाज से जुड़े नक्शे देखे हो तो आपको समझ में आ जायेगा की वे कितने जटिल होते है! धरती गोल है और लगातार तेजी से घूम रही है और समय क्षेत्र बदल रही है, इन सभी बातो का इन नक़्शे में ध्यान रखा जाता है! जो इन्हें पढ़ना और समझना जानता है वो आपको 2 मिनट में सब कुछ बता सकता है!
अगर आप इसके बारे में प्रशिक्षित नही है तो आप इस पर कई दिन बिता कर भी इसे आप पढ़ और समझ नही सकते है! इसी तरह से भृगु ने कुछ ऐसे लोगो को प्रशिक्षित किया, जिसमे अंतर्ज्ञान, अंतर्ध्यान का ऐसा आयाम था की वे नक़्शे को पढ़ सके, क्योकि यह कोई तर्क प्रधान मामला नही था, जब आप भृगु संहिता जानने वाले लोगो के सामने बैठते है तो वो आपके भुत और भविष्य को नही देखते है! वे सिर्फ एक मानचित्र पढ़ रहे होते है, सहज ज्ञान का नक्सा और वे पता लगाने की कोशिश करते है की परिस्थिया किस प्रकार की बनेगी ! यह संभव नही है की हर बार का आकलन सही हो ! यह पढने वाले व्यक्ति के प्रशिक्षणता और समझने की क्षमता पर निर्भर करता है!
Download Bhrigu Samhita PDF
आपको आज मैं आप सभी को Bhrigu Samhita PDF दे रहा हूँ, जिसे आप यहाँ से Download कर सकते है! Download करने के लिए आप नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है!
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