पुराण की श्रृंखला में “Brahma Purana” पहला स्थान है ! “Brahma Purana” का नाम सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा के नाम पर रखा गया है, लेकिन उनका उल्लेख मुश्किल से ही मिलता है ! लेकिन, कुछ स्रोतों का मानना है कि वह पाठ के वर्णनकर्ताओं में से एक है !
आज के इस अर्टिकल में आपको Brahma Purana के पढने का सबसे आसान तरीका बताऊंगा और साथ ही इससे होने बाले लाभ को पूरी जानकारी देने वाला हूँ तथा साथ में आप सभी को मैं Brahma Purana Pdf भी देने वाला हूँ जिसे आप डाउनलोड करके पढ़ सकते है और उसका लाभ ले सकते है !
What is the Brahma Purana in Hindi ?

पुराण की श्रृंखला में “Brahma Purana” पहला स्थान है ! “ब्रह्म पुराण” का नाम सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा के नाम पर रखा गया है, लेकिन उनका उल्लेख मुश्किल से ही मिलता है ! लेकिन, कुछ स्रोतों का मानना है कि वह पाठ के वर्णनकर्ताओं में से एक है !
“ब्रह्म पुराण” को कभी-कभी “आदि पुराण” या “सौर (सौर) पुराण” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसका एक हिस्सा सूर्य, सूर्य देवता पर केंद्रित है ! यह 18 महा या प्रमुख पुराणों में से एक है !
“ब्रह्म पुराण”, जैसा कि आज पढ़ता है, मूल प्राचीन पाठ के समान नहीं माना जाता है ! ऐसा माना जाता है कि १३वीं और १६वीं शताब्दी के बीच और अन्य संशोधनों के बीच कभी-कभी इसमें बड़े संशोधन हुए हैं ! आधुनिक पाठ कई अलग-अलग संस्करणों में मौजूद है और इसमें काफी अंतर हैं !
Summary of Brahma Purana
ब्रह्म पुराण भगवान ब्रह्मा से संबंधित एक ग्रंथ है जो रजोगुण से सुसज्जित है, इसलिए इसे राजस पुराण के रूप में भी जाना जाता है ! ब्रह्म पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए हिंदू ग्रंथों की 18 प्रमुख पुराण शैलियों में से एक है ! ऋषि वेदव्यास जी ब्रह्म महापुराण के लेखक हैं और उन्होंने इसे संस्कृत भाषा में लिखा है !
मौजूदा पांडुलिपि ब्रह्म महापुराण में 245 अध्याय हैं और इसमें लगभग 7000-8000 श्लोक हैं ! वेदों के विपरीत, जो वर्णन करते हैं कि संपूर्ण ब्रह्मांड का निर्माण करने वाला सर्वोच्च भगवान कौन है? पुराण भगवान ब्रह्मा व्यक्तिगत अनुभव हैं जो केवल सुने ज्ञान (लोकवेद) हैं और पूर्ण और सही नहीं हैं !
About Lord Brahma
- श्री लोमहर्षण ऋषि द्वारा ब्रह्म पुराण में प्रकृति का वर्णन
- भगवान कबीर देव ने दिया सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान
- श्री पाराशर जी द्वारा ब्रह्म पुराण में सुने ज्ञान
- पवित्र शास्त्रों के आधार पर समझने की जरूरत है ब्रह्म पुराण
- आदि पुरुष परमेश्वर कविर्देव पूज्य हैं
Who is lord brahma ?
श्री ब्रह्मा जी ब्रह्म-काल और देवी दुर्गा (श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 14 श्लोक 3, शिव पुराण और श्री देवी भागवत पुराण में प्रमाण) के ज्येष्ठ पुत्र हैं, जो केवल इक्कीस ब्रह्मांडों में गुण विभाग के प्रमुख हैं ! उसका काम जीवों का निर्माण करना है ! भगवान विष्णु और भगवान शिव उनके छोटे भाई हैं जो क्रमशः सतोगुण और तमोगुण विभागों के प्रमुख हैं !
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय १४ श्लोक ५ में कहती है कि ‘ये त्रिदेव-रजोगुण-ब्रह्म, सतोगुण-विष्णु, तमोगुण शिव आत्मा को शरीर में बांधते हैं, अर्थात् आत्मा को मुक्त नहीं होने देते’ ! गीता के अध्याय 14 श्लोक 19 में दर्शाया गया है ब्रह्मा जी कर्ता नहीं हैं !
ब्रह्मा जी जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं ! ऐसे ही उनके उपासक हैं, भगवान ब्रह्मा की एक सबसे बड़ी गलती ने उन्हें एक गैर-पूजा योग्य भगवान बना दिया। ब्रह्मा जी को उनकी मां दुर्गा ने श्राप दिया है !
Description of Nature in Brahma Purana
ब्रह्म पुराण में श्रवण ज्ञान का उल्लेख है। कथावाचक श्री लोमहर्षण ऋषि जी हैं, जो श्री व्यास ऋषि के शिष्य थे और जिन्हें सूत जी के नाम से भी जाना जाता है। श्री लोम्हर्शन जी (सूत जी) द्वारा प्रकृति की रचना के संबंध में स्पष्टीकरण !
Listen to the knowledge of Shri Lomaharshan Rishi ji!
श्री लोमहर्षन जी (सूत जी) की वाणी – उन्होंने बताया कि पूर्व में श्री ब्रह्मा जी ने यह ज्ञान दक्ष आदि प्रख्यात मुनियों को सुनाया था ! मैं वही सुनाऊंगा , इस पुराण (पृष्ठ २७७ से २७९) के “सृष्टि का वर्णन” (प्रकृति का विवरण) नामक अध्याय में कहा गया है कि श्री विष्णु जी पूरे विश्व के आधार हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु के रूप में हैं। और शिव; जो दुनिया का उत्पादन, संरक्षण और विनाश करता है। मैं उस भगवान विष्णु को प्रणाम करता हूं !
जो सदा नित्य-सत्य स्वरूप और मूल कारण अव्यक्त प्रकृति/दुर्गा/माया/अष्टंगी; उसे ही प्रधान कहा जाता है ! उन्हीं से ही पुरुष ने सृष्टि की रचना की है ! अतुलनीय तेजस्वी ब्रह्मा जी को पुरुष समझो, वह सभी जीवों को बनाता है और भगवान नारायण पर निर्भर है !
नोट: उपर्युक्त ज्ञान ऋषि लोमहर्षण (सूत जी) द्वारा कहा गया है, जो कि श्लोक (लोकवेद) है। यह पूर्ण और सही नहीं है। क्योंकि वक्ता कह रहा है कि, यह सुना गया है !
Download Brahma Purana Pdf
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