Brarmh Gyan Pdf Download in (Hindi)

आज मै आपलोगो को Brarmh Gyan Pdf देने वाले हैं, जिसकी अध्यन कर आप संसार के दुख और सुख का अनुभव कर सकते हैं , एक आदमी को दुःख क्यों होता है और सुख क्यों नहीं होता है ये सारे बाते Brarmh Gyan Pdf में मिलने वाले हैं ! कोई मनुष्य अकाल मृत्यु को क्यों प्राप्ति होता है , मृत्यु के बाद उसका आत्मा कहा जाता है इत्यादि इस ग्रंथ में अध्यन करने वाले हैं

Brarmh Gyan Pdf

ब्रम्हा ज्ञान क्या होता है ?

ऐसे तो लगभग हरेक मनुष्य के अंदर कुछ न कुछ ज्ञान होता ही है , लेकिन उसे भौतिक ज्ञान कहा जाता है , ये भौतिक ज्ञान हटकर अध्यात्मिक ज्ञान होता है जो हर किसी के पास नहीं होता है ! हम उसे पाने का कोई भी प्रयत्न करते ही नहीं हैं ! पूजा अर्चना तो लगभग हर लोग करते हैं, लेकिन वैसी पूजा अर्चना कोई नहीं करता कि कभी आत्मा परमात्मा का मिलन हो ! ब्रह्म ज्ञान एक ऐसी बहुत बड़ी शक्ति है, जिसे पाकर आत्मा और परमात्मा का मिलन सम्भव होता है , मन में शान्ति मिलता है व्यक्ति शांत हृदय से अपने अंदर परमात्मा के दर्शन करता है !

जब ब्रम्हा ज्ञान की प्राप्ति होती है तो मनुष्य अपने गलत विचारो को शुद्ध कर पाता है , नहीं तो आत्मा तो वैसे भी शुद्ध रहता है, आत्मा दिव्य है,ये पवित्र है , दोष होता है उनके विचार का कभी कुछ तो कभी कुछ करवा देता है, लेकिन जब ब्रम्हा ज्ञान की प्राप्ति होती है तो आत्मा परमात्मा एक हो पाते हैं फल स्वरुप कोई भी मनुष्य अपने गलत विचारो पर काबू पा लेता है क्योंकि जब आत्मा परमात्मा के मिलन होता तब मनुष्य अपने आप परमात्मा को शौप देता है परमात्मा में लीन हो जाता है !

सरल भाषा में बोले तो ब्रम्हा ज्ञान पाने के बाद बताए हुए मार्ग पर चलें तो मोक्ष की प्राप्ति होता है !

परमात्मा क्या है ?

ये सवाल जितना आसान लग रहा है, इसका जवाब देना उतना ही मुश्किल है क्योंकि “परमात्मा क्या है ” इसका सही जवाब तटबेता संत या सतगुरु ही दे सकते हैं क्योंकि भौतिक ज्ञान से “परमात्मा क्या है” समझना सम्भव नहीं हो सकता !

लेकिन मै एक कोशिश किए हैं “परमात्मा क्या है” इसको बताने का ! परमात्मा शब्द दो शब्दों से बना है पहला ‘परम’ तथा दूसरा `आत्मा’ है ! जिसमे परम का अर्थ सर्वोच्च होता है और आत्मा का अर्थ चेतना होता है ! आधुनिक काल में इसे भगवान ही कहा जाता है ! आत्मा हर प्राणी के अंदर चेतना के रूप में विराजमान होता है जब ब्रम्हा ज्ञान की प्राप्ति होती है तो यही आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है और मनुष्य आपने आप को संसार के मोह माया से मुक्त हो पाता हैं ! लेकिन ब्रम्हा ज्ञान की प्राप्ति एक सतगुरु से सम्भव है !

सतगुरु क्या है?

आपने ब्रम्ह ज्ञान और परमात्मा के बारे में तो रूबरू हो गए कि ब्रह्म ज्ञान के लिए सद्गुरु की आश्यकता होती है ,जो आत्मा और परमात्मा के मिलन करवाता है ! लेकिन ये सद्गुरु क्या होता है, सद्गुरु कहां मिलते हैं , उन्हें कैसे पहचान करेंगे ?

सतगुरु का अर्थ होता है सच्चा गुरु , सत्गुरु नाम का संज्ञा सिर्फ उन्हें दिया गया है जो ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया हुआ है और दूसरों को भी दे सकते हैं ! उनके जीवन का कोई भी उद्देश्य बाकी न रह गया हो , उनके जीवन में सिर्फ परमात्मा उसके लिए सब कुछ हो और दूसरों को मार्गदर्शन देता हो ! उनके लिए सब कुछ सिर्फ और सिर्फ परमात्मा हो , वो दुनिया का मोह माया से मुक्त हो ! खुद मोक्ष की प्राप्ति किया हो और दूसरों को भी करवा सकता है ! सतगुरु उसे कहते हैं !

मोक्ष की प्राप्ति क्या होता है ?

जब ततबेता संत के द्वारा ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है, आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है ! तत्पश्चात दुनिया के सारे मोह माया से मुक्त हो जाता है , अपना कुछ भी नहीं रह जाता, उस मनुष्य के लिए सब कुछ सिर्फ परमात्मा होते हैं, न कोई दुख और न कोई सुख शेष रह जाता है ! उसे ही मोक्ष की प्राप्ति की प्राप्ति कहते हैं !

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