Durga Chalisa PDF को आप यहा से Download कर सकते है! हम आपको Durga Chalisa पढने के क्या फायदे होते है, उसके बारे में भी आप सभी को विस्तार से बतायेंगे ! हमने यह Durga Chalisa PDF को हिंदी संस्करण में आप सभी के लिए उपलब्ध कराया है! जिससे आप सभी को दुर्गा चालीसा पाठ में करने में आसानी हो, और आप इससे अपनी इच्छाओ को पूर्ण कर सके और आपको इसका फायदा मिल सके!
माता दुर्गा आदि शक्ति मानी जाती है, माता दुर्गा के स्वरूप में नवदुर्गा का वास माना जाता है! इन्हें शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है! ये हर कार्य को सरल बनाने का कार्य करती है! इस कलयुग में मनुष्य तरक्की के लिए या फिर सुखमय जीवन के लिए, अपने परिवार को सुखी जीवन देने के निरंतर प्रयत्न करते ही रहता है!
हमेशा उसकी कोशिश रहती है की मैं कितना भौतिक सुख की प्राप्ति कर लूँ और अपने परिवार को एक सुखमय जीवन प्रदान कर दूँ!
इसमें बहुत से लोग सफल होते है और बहुत से लोग इसमें सफल नही हो पाते है! जिन लोगो को मनोकामना पूर्ण नही हो पाती है! वे चाहते है की वो वस्तू उन्हें मिल जाये लेकिन वह उन्हें नही मिल पाता है!
चाहे हो वह धन हो, नौकरी हो या फिर मनपसन्द कार्य हो या फिर आपका जीवन साथी हो, जब वो आपको नही मिल पाता है! तो ऐसे स्थिति में माता दुर्गा चालीसा का पाठ अत्यंत उपयोगी माना जाता है!

Durga Chalisa Lyrics in Hindi
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥2॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥3॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥4॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै ।जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥5॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन र जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥6॥
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥7॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥8॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। मोह मदादिक सब बिनशावें॥9॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला॥
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥10॥
देवीदास शरण निज जानी। कहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
Benefits of Durga Chalisa
- दुर्गा चालीसा को पढने के आपके सभी कष्ट दूर हो जाते है और आपके शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आपके अंदर दुश्मनों से लड़ने की अद्भुत क्षमता विकसित होती है!
- इसका रोजाना पाठ करने से आपके ऊपर और आपके परिवार के ऊपर आने वाले सभी संकट जैसे- आकस्मक आपत्ति, वित्तीय संकट, राजनीती संकट आपके पास कभी भी नजदीक नही हाते है!
- अगर आप दुर्गा चालीसा का पाठ करना शुरू करना चाहते है तो आप कभी से भी शुरू कर सकते है, लेकिन आप अगर इसका पाठ नवरात्री में शुरू के करते है तो यह आपके लिए काफी लाभदायक होगा !
- अगर आप दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू कर रहे है तो आपको 9 दिन इसका पाठ करने चाहिए, यह आपके लिए अतिउत्तम होता है! आपके नौ दिन पाठ करने से दुर्गा माता अतिप्रसन्न होती है !
Durga Chalisa PDF Download
हमने यह Durga Chalisa PDF आप सभी पाठको के लिए मैंने लाया है, इसमें आपको हिंदी में और Hinglish में में मिल जायेगा! अगर किसी को भी इस PDF File से कोई आपति है तो वह मुझे सम्पर्क कर सकता है!
पुस्तक का नाम | दुर्गा चालीसा |
पुस्तक के रचनाकार | |
पुस्तक की श्रेणी | धार्मिक |
पुस्तक की साइज़ | ४५० KB |
पृष्ठों की संख्या | ९ |
1.दुर्गा चालीसा के पाठ करने के फायदे ?
रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप के शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होगा। इसके साथ ही दुश्मनों से निपटने और उन्हें हराने की क्षमता भी विकसित होती है। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप अपने परिवार को वित्तीय नुकसान, संकट और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचा सकते हैं।
2.दुर्गा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
हमें दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रूप से करनी चाहिए ! लेकिन हमें नवरात्र में ९ दिन नियमित से जरुर पाठ करना चाहिए इससे हमें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है!
3. दुर्गा चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
दुर्गा चालीसा का पाठ रोजना सुबह के समय में स्नान करने के बाद करना चाहिए और तथा आप दुर्गा चालीसा का पाठ आप शाम के समय में भी कर सकते है!
bahut sundar lekh aapka likhne ka aur samjhane ka tarika bahut sundar hain.dhanayabad