अगर आपके जीवन में या आपके परिवार में किसी भी प्रकार का संकट हो तो आपको श्री हनुमान जी के शरण में आवश्य जाना चाहिए ! क्योकि हनुमान का एक और भी नाम है सकत मोचन हनुमान आपके हर संकट को दूर कर देते है ! अगर हनुमान जी का सच्चे मन से आराधना करेंगे तो वो आपके संकट को अवश्य ही दूर करेंगे ! यदि आप जीवन सुख और समृधि पाना चाहते हैं तो hanuman ashtak पाठ जजुर करें ! hanuman ashtak का लगातार 7 दिन तक पाठ करने से आपके मन सुख और शांति से भर जायेगा !

Hanuman Ashtak in hindi
हे हनुमान जी आप जब बालक थे तब आप सूर्य को अपने मुंह में रख लिया इससे तीनों लोगों में अंधेरा छा गया इससे संसार में विपत्ति आ गया और इस संकट को कोई भी दूर नहीं कर सका देवताओं ने आकर आपसे विनती की तब आपने सूर्य को मुक्त कर दिया इस प्रकार सब का संकट दूर हुआ यह हनुमान जी संसार में ऐसा कौन है जो आप का संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
दूसरे पद का अर्थ ये हुआ की, बाली के डर से सुग्रीव पर्वत पर रहते थे उन्होंने श्री रामचंद्र जी को आते देखा , उन्होंने आपको पता लगाने के लिए भेजा , आपने अपना ब्राह्मण का रूप धारण करके श्री रामचंद्र जी से भेंट की और उनको अपने साथ ले आए ! जिससे आपने सुग्रीव के शोक निवारण किया है हनुमान जी संसार में ऐसा कौन है जो आप का संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
सुग्रीव ने अंगद के साथ सीता जी को खोज में निकलते समय यह बात बोल दिया था कि सीता जी का पता लगाकर नहीं लाए तो हम तुम सब को मार डालेंगे ! सब ढूंढ ढूंढ करके हार गए तब आप समुद्र के तट से कूदकर सीता जी का पता लगाकर लाए जिससे सब के प्राण बच सके ! हे हनमान जी संसार में ऐसा कौन है जो आपका संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
जब रावण ने सीता जी को भय दिखाया और कष्ट दिया और सब राक्षसों से कह दिया कि सीता जी मनाएं ! महावीर हनुमान जी उस समय आपने पहुंचकर महान राक्षसों को मारा, सीता जी ने अशोक वृक्ष से आग मांगी थी स्वयं को भस्म करने के लिए ! लेकिन आप ने उस वृक्ष से रामचंद्र जी के नाम अंगूठी डाल दिए , जिससे सीता जी के चिन्ता दूर हुआ ! हे हनमान जी संसार में ऐसा कौन है जो आपका संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
रावण के पुत्र मेघनाथ ने बाण मारा जो लक्ष्मण जी की छाती पर लगा और शक्तिवाण के प्रहार से उनके प्राण संकट में पड़ गए , तब आप ही सुखेन वैद्य को घर समेत उठा लाए और पर्वत सहित संजीवनी बूटी उठा कर ले आए इससे लक्ष्मण जी के प्राण बच गए ! हे हनुमानजी संसार में ऐसा कौन है जो आप का संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
रावण ने जब घोर युद्ध करते हुए सबको नाग पद बांध लिया था , राम और रावण का युद्ध हो रहा था तब श्री राम दल में बहुत ही संकट आ गया , तब हनुमान जी आपने गरुड़ जी को लाकर बंधन को कटवाया था ! नाग वाच के बन्धन से सब को मुक्त करवाया , श्री रामचंद्र जी को मुक्त करवाया था, जिससे सब का संकट दूर हुआ ! हे हनुमान जी कौन है जो आप का संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
जब अहीरावण श्री रघुनाथ जी को लक्ष्मण सहित पाताल लोक ले गया और भली-भांति देवी की पूजा करके सब के परामर्श से वह यह निश्चित कर चुका था ! इन दोनों भाइयों की वली दे दूंगा तब उस समय आपने वहां पहुंचकर , अहिरावण को उसकी सेना सहित मार डाला ! हे हनुमान जी ऐसा कौन है जो आपका संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
हे महावीर जी आपने बड़े-बड़े देवों के काज संवारे हैं अब आप ही देखिए और सोचिए कि मुझ जैसे दीन हीन का ऐसा कौन सा संकट है ! जिसको आप दूर नहीं कर सकते हे महावीर हनुमान जी हमारा जो कुछ भी संकट हो , आप उसे शीघ्र दूर कर दीजिए ! हे हनुमान जी संसार में ऐसा कौन है जो आप का संकट मोचन नाम नहीं जानता हो !
हनुमान जी आप तो सबके काज सवारे वाले हैं बड़े-बड़े देवताओं के काज संवारे हैं ! आखिरी पद में तुलसीदास जी द्वारा उलाहना दिया गया है कि हे हनुमान जी आप सब का संकट दूर कर सकते हैं इतने शक्तिशाली है फिर हमारे जैसे दीन हीन का ऐसा कौन सा संकट है , जो आप दूर नहीं कर सकते ! हनुमान जी को याद दिलाना पड़ता है हनुमान जी को श्राप मिला था और वो अपनी शक्ति भूल जाते हैं ! जब आप हनुमान जी को उलाहना देते हैं, याद दिलाते हैं कि आप परम शक्तिशाली हैं, आप सब कुछ कर सकते हैं तो मेरे ऊपर आए हुए संकट को दूर करिए ! तब जाकर के हनुमान जी को अपने शक्ति की आभास होती है और तब जाकर के आपका भला करते हैं !
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