हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav varsh) भारत में हमारे संस्कृति में होने वाले एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। हिंदू नववर्ष मई मास में होता है और इससे पहले हमारे संस्कृति में होने वाले अनेक त्यौहारों को मनाया जाता है, जैसे हिंदू नवरात्रि।
हिंदू नववर्ष में लोग अपने घरों, मंदिरों, स्थानों और वस्तुओं को साफ़ और सजावटी बनाते हैं और नए साल की शुरुआत की खुशी में खाना-पीना, गीत गाना और नृत्य करना जैसे बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया जाता हैं।
हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) हिन्दुओं के लिए एक बहुत ही खास त्यौहार है। यह वर्षांचल पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह की प्रथम सोमवार को मनाया जाता है। इस त्यौहार का महत्व हिंदु धर्म में नव वर्ष को नया आरम्भ माना जाता है!
हिंदू धर्म में हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र मास की नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से होती है, इसी दिन गुड़ी पड़वा पर मनाया जाता है !
साल 2023 में हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) और गुड़ी पड़वा का त्यौहार 22 मार्च 2023 को मनाया जाएगा इस दिन से चैत्र नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष भी शुरू होगा ! इसे हिंदू पंचांग के अनुसार मनाया जाता है!
इस दिन को वर्ष का सबसे शुभ दिन माना जाता है भारत में अलग-अलग राज्यों में नव वर्ष की तिथियाँ भिन्न होती हैं ! भारत में अलग अलग राज्य में अलग अलग नाम से नव वर्ष का उत्सव मनाया जाता है ! महाराष्ट्र में नव वर्ष को गुड़ी पड़वा के रूप में जाना जाता है जो मार्च व अप्रैल में आता है ! पंजाब में नया साल वैशाखी नाम से 13 अप्रैल को मनाई जाती है!
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में इस दिन को उगादि के नाम से मनाते हैं, साथ ही उत्तर भारत कश्मीर में इस दिन को नवरेह (19 मार्च ) के नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु में पुतुहांडू के रूप में ,बंगाल में इस अवसर को नवा वर्षा के रूप में और असम में बिहु के रूप में, केरल में विशु के रूप में मनाया जाता है, मारवाड़ी में नववर्ष दिवाली के दिन मनाते हैं, गुजरात में दिवाली के दूसरे दिन नव वर्ष होता है !
भारत के भिन्न -भिन्न राज्यों में हिंदू नव वर्ष को अलग -अलग नाम से अलग अलग तिथि को मनाए है जो इस प्रकार से है –
राज्य | त्योहार का नाम | तिथि |
---|---|---|
महाराष्ट्र | गुड़ी पड़वा | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
पंजाब | वैशाखी | 13 अप्रैल |
आंध्र प्रदेश | उगादी | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
तेलंगाना | उगादी | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
उत्तर भारत कश्मीर | नवरेह | 19 मार्च |
तमिलनाडु | पुतुहांडू | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
बंगाल | नवा वर्षा | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
असम | बिहु | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
केरल | विशु | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |
हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) हिंदू धर्म के लोग मनाते है, इसे हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नव वर्ष को मनाया जाता है! इसके पीछे ऐसी मान्यता है की भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना शुरू की थी और इसी दिन से विक्रम सवंत के नये साल कि शुरुआत होती है! इसलिए हिंदू धर्म में हिन्दूनव वर्ष को मनाया जाता है!
हिंदू नव वर्ष के शुरुआत में चारों और फसल पकने लगती है, वृक्षों पर नये पत्ते और फ़ुल आने लगते है, चारों और ख़ुशी का वातावरण होता है, साल के शुरुआत में सभी और ख़ुशियों का माहौल होता है इसलिए भी हिंदू धर्म में हिन्दू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) चैत्र मास में मनाया जाता है!
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्व (Importance of Chaitra Shukla Pratipada)
भारत में चैत्र हिंदू माह के पहले दिन वसंत ऋतु का आरंभ होता है, भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता में कहा है कि सभी मौसमों में वसंत उनका स्वरूप है यही कारण है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को भारत में बहुत महत्व प्राप्त है !
इस दिन भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था, और इसी दिन उन्होंने बाली का वध किया था ! यह दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी करता है जहां देवी दुर्गा की पूजा की जाती है ! स्वामी दयानंद सरस्वती ने इस दिन आर्य समाज की स्थापना की थी, यह हिंदू विद्वानों द्वारा माना जाता है कि इस दिन के हर पल को किसी भी प्रकार के अनुष्ठान करने के लिए शुभ माना जाता है !
भारतीय नव वर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है, जिसका हिंदू धर्म में बहुत ही ऐतिहासिक महत्व है –
- सूर्योदय से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी !
- सम्राट विक्रमादित्य ने राज्य की स्थापना की थी!
- सम्राट विक्रमादित्य ने ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी!
- प्रभु राम एवं महाराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था!
- नवरात्र का पहला दिन यही है!
- सिखों के दूसरे गुरु श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है!
- स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की थी!
- भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए थे!
- हेडगेवार संघ संस्थापक का जन्मदिवस
- महर्षि गौतम की जयंती
General FAQ
हिंदू नव वर्ष 2023 में बुधवार 22 मार्च 2023 को मनाया जायेगा!
हिंदू परंपरा के अनुसार ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तभी से इस दिन को हिंदू नव वर्ष के रूप में मनाया जाने लगा!
भारतीय परंपरा में ऐसी मान्यता है की ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी तभी से इस दिन की हिंदू नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है!