सोमनाथ गुजरात में स्थित, अत्यन्त प्राचीन व ऐतिहासिक शिव मन्दिर का नाम है ! सोमनाथ मन्दिर भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के सबसे महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है ! इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में दिया गया है !
सोमनाथ मंदिर विश्वप्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों से एक स्थापित माना जाता है ! सोमनाथ मंदिर के समय काल में अन्य देवी , देवता के मंदिर भी थे, इसमें भगवान शिव के लगभग 135, भगवान् विष्णु के 5, देवी के 25, सूर्य देव के 16, गणेश जी के 5, नाग मंदिर 1, क्षेत्रपाल मंदिर 1, 9 नदियां और 19 कुंड बताई जाती है !
सोमनाथ नाम क्यों पड़ा ?
सोमनाथ का गाथा महाभारत, श्रीमद्भागवत तथा स्कंद पुराणादि में विस्तार पूर्वक दिया गया है ! तथा बताया गया है की , चन्द्रदेव का एक नाम सोम भी है ! सोम या चंद्र ने राजा दक्ष की सत्ताइस बेटियों के साथ अपना विवाह रचाया था ! लेकिन सोम ने सिर्फ अपनी एक ही बीबी को सबसे ज्यादा प्यार कीया करते थे ! अपनी अन्य पुत्रियों के साथ यह अन्याय होता देख राजा दक्ष ने उन्हें श्राप दे दिया कि आज से तुम्हारी चमक और तेज धीरे धीरे खत्म हो जाएगा !
श्राप मिलने के बाद चंद्रदेव की चमक हर दूसरे दिन घटने लगा था ! इससे वो काफी ज्यादा परेशान होने लगा और सोम ने शिव की आराधना शुरू कीया ! भगवान शिव ने सोम की आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें दक्ष के अभिशाप से मुक्त कर दिया !
श्राप से मुक्त होंने के बाद राजा सोम चंद्र ने इस स्थान पर भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया और मंदिर का नाम सोमनाथ रखा गया !
सोमनाथ पर विदेशी आकर्मण
1024 में महमूद गजनवी का आक्रमण – 1024 में महमूद गजनवी ने सोमनाथ पर आक्रमण किया था ! उस समय महमूद गजनी का आक्रमण बिल्कुल सफल हो गया था , क्योकि गुजरात का राजपूताना शाषक आपस की लड़ाई में उलझे हुए थे ! आपसी के ही लड़ाई झगड़ा में लगे हुए थे और सारे शाषक आपसी युद्ध में अपनी शक्ति को खो दिया था !
इसका पूरा फायदा महमूद गजनवी को मिला , वो पूरी अच्छे तरीके से अपने काम में सफल हो गया ! और मंदिर को लुट से बचाने के लिए 1000 निहते लोग अपनी की जान की बाजी लगा दिया ! महमूद गजनवी ने सोमनाथ से बहुत सारा सोना और बहुत सारा माल लूट कर ले गया था ! इतना ज्यादा सोना और धन था की लगभग 5000 लोगो से अलावा 50 हाथी और कई घोड़े भी घसीटकर ले जा रहा था ! लुटा हुआ माल ले जाने में बहुत सा धन बर्बाद हो गया था !
अपने अंतिम काल में असाध्य रोगों से पीड़ित होकर महमूद गजनवी असहनीय कष्ट कर रहा था ! महमूद गजनवी अपने दुष्कर्मों को याद कर उसे घोर मानसिक को कोष रहा था ! वह शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से ग्रसित हो चूका था , उसकी मृत्यु सन 1030, अप्रैल 30 गजनवी में मलेरिया के कारण हो गया !
सोमनाथ का अस्तित्व
ऐसा धर्म पुराण और ग्रन्थ में दर्शाया गया है की सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्रदेव ने किया था , पर कई लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है ! इसीलिए कहा जा सकता है की सोमनाथ निर्माण अज्ञात है ! कई बार इस मंदिर पर अकर्मण हुआ कई बार मन्दिर को नष्ट किया गया लेकिन पुनर्निर्माण किया गया !
इस मंदिर का क्षेत्र गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर की महिमा से ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है ! अरब यात्री अलबरूनी ने अपने यात्रा विक्रांत मे सोमनाथ को वर्णन किया है ! उस टाइम से महमूद गजनबी का नज़र इसपर एक्र्त्रित हुआ और प्रभावित होकर महमूद गजनबी ने सन 1024 में सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया !
सोमनाथ महत्वपूर्ण तथ्य
सोमनाथ के मंदिर में शिवलिंग हवा में स्थित था , इसे देखकर महमूद गजनबी आश्चर्य रह गया था !
महमूद गजनवी ने सन् 1024 में कुछ 5,000 साथियों के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था , मंदिर का सारा संपत्ति लूटी और मन्दिर नष्ट कर दिया ! उस हमला में मंदिर की रक्षा के लिए निहत्थे हजारों लोग मारे गए थे !
महमूद गजनवी के मंदिर तोड़ने और लूटने के बाद गुजरात के राजा भीमदेव और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण करावाया था ! तथा 1093 में सिद्धराज जयसिंह ने भी मंदिर निर्माण में सहयोग दिया था !
महमूद के हमले के बाद 21 बार मंदिर का पुनह निर्माण किया गया ! संभवता इसके पश्चात भी अनेकों मंदिर बने होंगे !
- Purana Pdf Download ! पुराण क्या है ? पुराण कितने हैं ?
- Mandukasana Steps, benefits, cautions ! मंडूकासन, विधि, लाभ
- What is Kuja Dosh ? what is its Diagnosis ?