Mahabharat Pdf को आप हमारे इस वेबसाइट से Free में डाउनलोड कर सकते है, इसमें आपको सम्पूर्ण महाभारत की कथा आपको मिल जाएगी जिसे आप पढ़ सकते है ! मैं आप सभी Geeta Press की Mahabharat Book उपलब्ध करने वाला हूँ!
मैं आप सभी को महाभारत के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी देने वाला हूँ जो आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है!
What is Mahabharat Full Details in Hindi
Contents
महाभारत कथा कोई दो परिवारों के बीच हुए संघर्ष की नही है और ना ही यह हस्तिनापुर के गद्दी के लिए हुए संघर्ष की कथा है, यह महाभारत कथा तो धर्म और अधर्म के बीच हुए संघर्ष की है!
धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष तो अनंत काल से चला आ रहा है! हम सभी लोग यह भली भांति जानते है की भगवान् विष्णु अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए हर युग में पाना अंश अवतार लेते है! इसी प्रकार भगवान् विष्णु में द्वापरयुग के अंत में भगवान् के श्री कृष्ण के रूप में अपना अवतार लिया था !
इस युद्ध का केंद्र हस्तिनापुर जरुर बना था, हस्तिनापुर इस युद्ध का केंद्र कैसे और क्यूँ बना इसके बारे में पूर्ण वर्णन महर्षि वेदव्यास ने अपने आदिपर्व में किया है!
हस्तिनापुर का इतिहास बड़े ही गौरवशाली राजाओ से भरा हुआ था जो धर्म के रक्षक थे! उस समय धर्म के रक्षा के लिए एक शक्तिशाली राज्य की जरुरत थी तो ब्रम्हा ने सभी की कर्म भूमि हस्तिनापुर को बनाया था!
द्वापरयुग के अंत में अधर्म का एक बार फिर से दबदवा बढ़ने लगा था,इस पर माँ पृथ्वी और सभी देवता गण ने भगवान् विष्णु के पास गये और उन्हें अपने वंशावतार लेने के लिए कहा और अधर्म का नाश करने के लिए कहा!
भले ही महाभारत युद्ध द्वापरयुग के अंत में हुआ हो लेकिन इसकी नीव कई वर्षो पहले पड़ चुकी थी! महर्षि वेदव्यास ने इसका वर्णन आदिपर्व में किया है और महाभारत का असली नाम जय था !
महाभारत ग्रन्थ कितने पर्व में विभाजित है
सम्पूर्ण महाभारत ग्रन्थ अनेक पर्वो में विभाजित है जैसे
- आदिपर्व
- सभापर्व
- वनपर्व
- विराटपर्व
- उद्योगपर्व
- भीष्मपर्व
- द्रोणपर्व
- कर्णपर्व
- शल्यपर्व
- सौप्तिकपर्व
- स्त्रीपर्व
- शांतिपर्व
- अनुशासनपर्व
- आश्रमवसीकपर्व
- मौसलपर्व
- महाप्रस्थानिक पर्व
- स्वर्गारोहणपर्व
Mahabharat Pdf Download in Hindi
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General FAQ About Mahabhart Katha
महाभारत काल में वल्लभ पांडू पुत्र भीम का नाम था, जब वे अज्ञातवास के समय रसोइया बनकर मगधनरेश के काम करते थे तब उनका नाम वल्लभ था!
महाभारत का पूरा और प्राचीन नाम जय संहिता है! बाद में इसका नाम महाभारत हो गया जिसे आज भी हम सभी महाभारत के नाम से जानते है!
महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है ।
इस ग्रन्थ को महर्षि वेद व्यास ने लिखा था। महाभारत सबसे लम्बा ग्रन्थ है, जिसे संस्कृत में लिखा गया था। महाभारत में कुल 18 अध्याय होते हैं। अध्यायों को पर्व भी कहा जाता है।
इन सम्पूर्ण तथ्यो से यह माना जा सकता है की महाभारत ५०००-३००० इसवी ईसा पूर्व या निशिचत तौर पर १९०० इसवी ईसा पूर्व रची गयी होगी, जो महाभारत मे वर्णित ज्योतिषिय तिथियो से मेल खाती है। इस काव्य में बौद्ध धर्म का वर्णन नहीं है, अतः यह काव्य गौतम बुद्ध के काल से पहले अवश्य पूरा हो गया था।
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