Nag Puja की जिक्र भविष्य पुराण में में किया है , तथा इसका विधिवत पूजा और इसके लाभ का भी जिक्र किया गया है ! Nag Puja सावन महीने की शुक्ल पक्ष के वसन्त पंचमी को मनाया जाता है ! इस दिन से नवविवाहिता लड़कियां 15 दिनों का नाग पूजन करती हैं !
आज के इस अर्टिकल में आपको Radha Kripa Kataksh Stotra स्तुति के पढने का सबसे आसान तरीका बताऊंगा और साथ ही इससे होने बाले लाभ को पूरी जानकारी देने वाला हूँ तथा साथ में आप सभी को मैं Nag Puja Stotra Pdf भी देने वाला हूँ जिसे आप डाउनलोड करके पढ़ सकते है और उसका लाभ ले सकते है !
What is Nag Puja ?
नाग पूजा दिन विशेष रूप से नाग और सर्प का पूजन किया जाता है ! लोग नाग देवता को सेवईं या खीर का भोग लगाते है ! नाग पंचमी के दिन नाग देवता का चित्र बनाकर उन्हें दूर्वा, कुशा,फूल, रोली,अछत चढ़ाया जाता है ! चंदन का इत्र या सुगंध नागों को अधिक प्यारा होता है नाग देवता को चंदन का इत्र चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनो कामनाएं पूरी होती हैं !
Nag Dev Stotra
ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् !! 1 !!
नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु ।
येऽ अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम: !! 2 !!
ये वामी रोचने दिवो ये वा सूर्यस्य रश्मिषु।
येषामपसु सदस्कृतं तेभ्य: सर्वेभ्यो: नम: !! 3 !!
ऊँ सर्पाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। ऊँ नागाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। ऊँ पृथ्वीधराय नमः।
Nag Dev Stotra in Hindi
नाग पंचमी के दिन पौराणिक मान्यता के इन अष्ट नागों – वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय की पूजा का विधान है ! 1 !
जो सर्प और नाग पृथ्वी के अंदर व अंतरिक्ष में हैं और स्वर्ग में हैं, उन सभी सर्पों को नमस्कार है। राक्षसों के लिए बाण के समान तीक्ष्ण और वनस्पति के अनुकूल तथा जंगलों में रहने वाले सर्पों को नमस्कार है ! 2 !
सूर्य की किरणों में सूर्य की ओर मुख किए हुए चला करते हैं तथा जो सागरों में समूह रूप से रहते हैं, उन सर्पों को नमस्कार है। तीनों लोकों में जो भी सर्प हैं, उन सब को नमस्कार करते हैं ! 3 !
इनके अतिरिक्त नाग देवता को प्रसन्न करने के कुछ नाम मंत्र हैं जिनका जाप करने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है…
Importance of Nag Puja
सावन में नाग देवता के साथ भगवान शिव की रूद्राभिषेकऔर पूजा करना शुभ माना जाता है ! नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है ! और उसे सर्प का भय से मुक्ति मिलता है ! इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है !
नाग पंचमी नाग देवता को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनके मंत्रों का जाप करना चाहिए !
नाग दूर रखने का मन्त्र
भविष्य पुराण में की कथा के अनुसार आस्तिक मुनि ने नागवंश की रक्षा किया था ! इसीलिए प्रस्सन होकर नाग देव ने ये वरदान दिए की जो भी व्यक्ति आपका नाम लेगा या इस मन्त्र को जाप करेगा उसे नाग या सर्प कुछ नहीं कर पायेगा !
वो मन्त्र इस प्रकार है – मुनि राजम अस्तिकम नमः”
Proccess of Nag Puja
- नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई कर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं
- इसके बाद प्रसाद स्वरूप सिंवई और खीर बना लें.
- अब लकड़ी के पटरे पर साफ लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. और उस पर नागदेवता की प्रतिमा स्थापित करें.
- प्रतिमा पर जल, फूल, फल और चंदन लगाएं.
- नाग की प्रतिमा को दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से स्नान कराएं और आरती करें लड्डू और खीर अर्पित करें.
- और हो सके तो जीवित सर्प को दूध पिलाये , इससे नागदेवता को प्रसन्न होते है !
Download Nag Puja Stotra Pdf
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