Mandukya Upanishad PDF Download को आप हमारे इस वेबसाइट से Download कर सकते है! Mandukya Upanishad शांति मन्त्र से शुरू होता है, तो हम इसे शांति मन्त्र के साथ ही शुरू करेंगे और इसके बारे में आप सभी को विस्तार से बताएँगे!
ॐ भद्रं कर्णेभिः श्रुणुयाम देवाः।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।स्थिरैरंगैस्तुष्टुवागं सस्तनूभिः।व्यशेम देवहितम् यदायुः।स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिन्दू धर्म में आपने उपनिषद के बारे में तो सूना ही होगा, उनिषद वेद से ही निकले है, वर्तमान समय में कुल 108 उपनिषद है!
उपनिषद क्या है ?
वेद , पुराण और उपनिषद इन तीनो में हमारे भारतीय संस्कृति का ज्ञान निहित है! आज हम उपनिषद के बारे में बात करने वाले है तो सबसे पहले हम यह जानते है की उपनिषद क्या है!
उपनिषद् हिन्दू धर्म का महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं। ये संस्कृत में लिखे गये हैं। उपनिषद का अर्थ होता है सत्य के नजदीक बैठना होता है!
उपनिषद में मुख्य रूप से वेदों के सार को निहित किया गया है ! वेद के हिसाब से उपनिषद की संख्या १११ है, और भी कई लोगो का मानना है की उपनिषद १२० है और उनके नाम भी दिए गये है! लेकिन मुख्य रूप से उपनिषद की संख्या 108 ही है!
वेदों और उपनिषद में जो ज्ञान निहित है वो वास्तव में अद्भुत ज्ञान है, इसमें आपको वेदों के पूरा का पूरा सार मिलता है! उपनिषदो में जो सत्य का ज्ञान है वो बहुत ही चरणबद्ध तरीके से बताया गया है! उपनिषद बहुत ज्यादा बड़े नही होते है!
उपनिषद् क्यों पढ़ना चाहिए ?
जब भी कोई हिन्दू धर्म के ऊपर अंगुली उठाता है तो बहुत ज्यादा अज्ञानी होता है या फिर वो अपने धर्म की बड़ाई कर रहा होता है! हिदू धर्म के बारे में जानने के लिए आपको वेदों -पुरानो और उपनिषदों को पढ़ना होगा !
इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण आपका उपनिषद होता है, इसमें आपको वेदों के सार आपको विस्तार रूप से और सरल भाषा में मिलता है! और इससे आप हिन्दू धर्म के महत्व के बारे में जान सकते है और सत्य क्या है उसके बारे में आप जान सकते है !
उपनिषद को पढने वाले केवल भारत में ही नही बल्कि पुरे संसार में है, और वहा पर भी यह बहुत प्रभावशाली रहा है ! इसे बहुत सारी भाषाओ में लिखा गया है!
माण्डूक्योपनिषद क्या है ?
माण्डूक्योपनिषद अथर्ववेद का हिस्सा है, सभी उपनिषदों में यह सबसे छोटा और सबसे कठिन उपनिषद है, इसमें सिर्फ 12 श्लोक है और इन्ही 12 श्लोक में मानव चेतना के बारे में बताता है! यह मनुष्य के जागृत अवस्था से लेकर उसके समाधि अवस्था तक ज्ञान इसमें निहित है !
आदिशंकर का मानना था कि अगर हमें कोई एक ही उपनिषद पढ़ना हो तो हमें मांडूक्योपनिषद पढ़ना चाहिए !क्योंकि यह उपनिषदों में सबसे छोटा उपनिषद है, और सबसे कठिन और सबसे महत्वपूर्ण शक्तिशाली उपनिषद है, जो मनुष्य के जीवन से लेकर मृत्यु दर और उसके अंतर्मन से लेकर उसके चेतना तक का वर्णन इसमें किया गया है!
मांडूक्योपनिषद आत्मज्ञान के बारे में बहुत ही अच्छी तरीके से समझाया गया है इस उपनिषद में ओम के सिद्धांत का विवरण है!
ओम के तीन सिद्धांत है
- अ
- उ
- म
यह तीनों मनुष्य चेतना के अवस्थाओं को दर्शाते हैं!
उपनिषद में 4 अवस्थाओं का वर्णन किया गया है
- जागृत अवस्था
- नींद में सपनो की अवस्था
- बिना सपनों वाली गहरी और पक्की नींद की अवस्था
- समाधि की अवस्था
इन चारों चेतना में सबसे उत्तम चेतना समाधि चेतना को माना गया है यह तीनों चेतना से ऊपर उठकर परम सत्य और परम ब्रह्म में विलीन हो जाता है!
माना जाता है कि सभी उपनिषदों का पूरा ज्ञान और उसका सार मुंडकोपनिषद में 12 श्लोकों में निहित है, और यह भी माना जाता है कि यही एक उपनिषद मनुष्य को परम ज्ञान और मुक्ति दिलवा सकता है!
Download Mandukya Upanishad PDF
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