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What is Ratri Suktam ?
मनुष्य का जीवन अनेक कठिनाइयों भरा हुआ है मानव जीवन का मुख्य आधार धर्म को माना जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी ! आज के इस लेख में बात करने वाले हैं रात्रि देवी की जो दुर्गा स्तुति के प्रथम अध्याय के श्लोक 70 से श्लोक संख्या 87 के मध्य है ! 18 श्लोक का जो रात्रि शुभ नामक पाठ आया है उसी पाठ की तंत्र परंपरा में उपस्थिति भी रही है !
रात्रि स्तोत्र पूजा कैसे करें ?
इस रात्रि शुत्र का अनुष्ठान का सबसे उत्तम समय रात्रि के अंतिम प्रहर था 2:00 से 3:00 के मध्य का माना जाता है ! रात्रि सूक्त का व्रत 31 दिन वाला अनुष्ठान यज्ञ संपन्न कराया जाए तो अति उत्तम रहता है ऐसा करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है ! 31 दिन की शुरुआत नवरात्रि के प्रथम दिन यह कार्य अनुष्ठान के लिए विशेष माना जाता है !
इस अनुष्ठान की शुरुआत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी अथवा पंचमी तिथि से की जा सकती है ! जिस दिन देवी के अनुष्ठान की शुरुआत करनी होगी ! उस रात्रि को सबसे पहले 2:00 बजे से पहले नहा धोकर अच्छा वस्त्र पहने और अच्छे से तैयार हो जाए ! लाल रंग के मधुबन से पहन कर बैठना रहता है अगर लाल रंग की धोती पहनकर आसान में बैठ जाए !
Ratri Suktam
महतत्व आदि रूप व्यापक इंद्रियों से सब देशों में समस्त वस्तुओं को प्रकाशित करने वाली रात्रि रूपा देवी अपने उत्पन्न किए हुए जगत के जीवों के वासियों को विशेष रूप से देखती हैं ! और उनके अनुरूप फल की व्यवस्था करने के लिए समस्त विभूतियों को धारण करती हैं ! यह देवी अमर हैं और संपूर्ण विश्व को नीचे फैलने बाली लता आदि का पढ़ने वाले बच्चों को भी व्याप्त करके जीते हैं !
इतना ही नहीं ये ज्ञान में ज्योति से सब जीवो के अज्ञान रूपी अंधकार का नाश कर देती हैं ! परा चित शिव शक्ति स्वरूप और रात्रि देवी आकर अपनी बहन ब्रह्मविद्या उषा देवी को प्रकट करती हैं ! जिससे अविद्या में अंधकार नष्ट हो जाता है कि रात्रि देवी इस समय मुझ पर प्रसन्न हो उनके आने पर हम लोग अपने घरों में सुख शांति से रहते हैं ! ठीक वैसे ही जैसे रात्रि के समय पक्षी वृक्षों पर बनाए हुए अपने घरों में सुख पूर्वक सहन करते हैं !
उस करुणामई रात्रि देवी के अंक में संपूर्ण ग्राम वासी मनुष्य पैरों से चलने वाले गाय घोड़े आदि पशुओं से उड़ने वाले पक्षी एवं पतंग आदि किसी भी कारण से यात्रा करने वाले प्रतीक और बाज आदि भी सुख पूर्वक सोते हैं ! हे रात्रि मई तुम कृपा करके वासना महीने की तथा पार्क में ब्रिक को हमसे अलग करो काम आदि तस्कर समुदाय को भी दूर हटाओ तदनंतर हमारे लिए सुख पूर्वक अयोग्य हो जाओ दाहिनी एवं कल्याणकारी बन जाओ ऊषा रात्रि की अधिष्ठात्री देवी सब फैला हुआ !
यह आज्ञान में काला अंधकार मेरे निकट पहुंचा है इसे दूर करो जैसे धन देकर अपने भक्तों के रिंग दूर करती हो उसी प्रकार ज्ञान देकर इस अज्ञान को भी हटा दो श्रीदेवी तुम दूध पीने वाली को किस मानो मैं तुम्हारे समीप आकर तू भी आधे से तुम्हें अपने ग्रुप दुआ करता हूं ! परम योग स्वरूप परमात्मा की पुत्री तुम्हारी कृपा से मैं काम आदि शत्रुओं को जीत चुका हूं पुत्र की भांति मेरे भविष्य को भी ग्रहण करो !
Ratri Suktam Benefits in hindi
देव साधना का यह बहुत ही लाभदायक स्तोत्र माना जाता है अनेक लोगों ने स्तोत्र के विद्युत धारा स्थान से चमत्कार घटित होते रहते हैं ! अगर रात्रि शुभ का पूर्ण विधि-विधान के साथ अनुष्ठान संपन्न कर लिया जाए तो केवल 31 दिन के भीतर ही मनोकामना पूर्ण हो जाती है सत्य को स्वीकार भी किया है !
व्यापारी कार्य में निरंतर उन्नति होती जाती है इसके प्रभाव से नए नए सहायक मित्र बनते जाते हैं ! इस रात्रि शुभ का नियमित पाठ करने से आर्थिक स्थिति में चमत्कारिक परिवर्तन होने लगते हैं ! वर्षों की समस्याएं स्वत समाप्त होने लगता है , इससे सुख समृद्धि में वृद्धि होने लगती है उसको तो अनुष्ठान के दौरान अनेक प्रकार दिव्य अनुभूति भी प्राप्त किया है !
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