Rig Veda Pdf Free Download in Hindi

Rig Veda Pdf

Rig Veda Pdf को आप यदि डाउनलोड करना चाहते है तो आप हमारे इस वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है! आज हम ऋग्वेद के बारे में विस्तार से जानेंगे की इस ऋग्वेद में क्या है, आज बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें वेदों के बारे में नही पता होता है! इनमे क्या है और ये किस लिए होता है ये सब सब भी उन्हें पता नही होता है तो आज हम आपको इसके बारे विस्तार से जानने वाले है!

UNESCO ने Rig Veda की 1800 से 1500 ईसवी पूर्व की ऋग्वेद की लगभग 30 पाण्डुलिपि को सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल किया है! ऋग्वेद की रचना संभवत सप्तसैंधव प्रदेश में हुयी थी !

ऋग्वेद से ही तीनो वेदों की रचना हुयी है! Atharva Veda Pdf Free Download in Hindi

  • ऋग्वेद प्रतीकात्मक वेद है!
  • यजुर्वेद ग्त्य्मय है
  • सामवेद गीतात्मक है!

ऋग्वेद के मंत्रो या ऋग्वेद के ऋचाओ की रचना किसी एक ऋषि ने एक निश्चितम अवधि में नही हुयी है! इसकी रचना विभिन्न काल में विभिन्न ऋषियों के द्वारा रची और संकलित किया गया है! इससे हमें आर्यों की राजनितिक प्रणाली और इतिहास के विषय में जानकारियां मिलती है!

ऋग्वेद में हमें भूगोलिक स्थिति और देवताओं के आवाहन केक मंत्रो के अलावा और भी बहुत कुछ मिलता है! ऋग्वेद के ऋचाओं में प्रार्थना, स्तुति और भूलोक में उनकी स्थति के बारे में वर्णन है!

Who wrote Rigveda? ऋग्वेद को किसने लिखा?

ऋग्वेद एक वैदिक संस्कृत पुस्तक है, इसे किसी एक ऋषि ने नही लिखा है, इसे अलग लग अवधि में अलग अलग ऋषियों के द्वारा लिखा और संकलिक किया गया है! इसकी सभी ऋचाये और मन्त्र वैदिक संस्कृत भाषा में लिखी गयी है! यह एक ऐसा ग्रन्थ है जिसकी मान्यता आज भी वैसी ही बनी हुयी है, यह हिन्दुओ का प्रथम और महत्वपूर्ण ग्रन्थ है!

What does Rig Veda talks about?

ऋग्वेद में देवताओं के बारे में और देवलोक में उनकी स्थिति के बारे में वर्णन किया गया है! और साथ में ही इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन इत्यादि के द्वारा चिकित्सा के बारे में जानकारी मिलती है! ऋग्वेद में चवन ऋषि को पुनः युवा करने की लोककथा भी मिलती है!

ऋग्वेद (Rig Veda) की परिभाषा क्या है?

ऋग अर्थात स्थति और ज्ञान ! ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो प्रतीकात्मक है, इसमें सबकुछ है यह अपने आप में एक सम्पूर्ण वेद है! ऋग्वेद मतलब ऐसा ज्ञान जो ऋचाओ में बध्ध हो !

इसके १० मंडल यानी अध्याय में १०२८ सूक्त है जिसमे ११ हजार मन्त्र यानी की १०५८० मन्त्र है! प्रथम और अंतिम मंडल सामान्य रूप से बड़े है, उनमे सूक्तो की संख्या 191 है!

ऋग्वेद में आपको दो प्रकार के विभाग मिलते है

  1. अष्टकक्रम
  2. मंडल्क्र्म

अष्टकक्रम :- अष्टकक्रम में समस्त ग्रन्थ अष्टको तथा प्रत्येक ग्रन्थ आठ अध्यायों में विभाजित है! प्रत्येक अध्याय वर्गों में विभक्त है! समस्त वर्गों को संख्या २०६ है!

मंडल्क्र्म:- इसी प्रकार से इसमें समस्त ग्रन्थ १० मंडलों में विभाजित है! मंडलअनुवाक सूक्त तथा सूक्त मन्त्र या ऋचाओं में विभाजित है! इन १० मंडलों में 85 अनुवाक्य, १०२८ सूक्त है और इनके अतिरिक्त ११ बाल्खेल्य सूक्त है!

ऋग्वेद के कितने उपनिषद है

वर्तमान में ऋग्वेद के १० उपनिषद है! सम्भवत उनके नाम यह है

  • ऐतरेय,
  • आत्मबोध,
  • कौषीतकि,
  • मूद्गल,
  • निर्वाण,
  • नादबिंदू,
  • अक्षमाया,
  • त्रिपुरा,
  • बह्वरुका
  • सौभाग्यलक्ष्मी।

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