Shukra Stotra से आप आने जीवन सुख की प्राप्त कर सकते हैं ! क्योकि शुक्र ग्रह को सूखो का महाराजा कहा कहा जाता है ! जो अपने जीवन में परेशान है या जीवन में कष्ट का सामना कर राह है ! तो उसे Shukra Stotra का पाठ करना चाहिए !
आज के इस अर्टिकल में आपको Shukra Stotra के पढने का सबसे आसान तरीका बताऊंगा और साथ ही इससे होने बाले लाभ को पूरी जानकारी देने वाला हूँ तथा साथ में आप सभी को मैं Shukra Stotra Pdf भी देने वाला हूँ जिसे आप डाउनलोड करके पढ़ सकते है और उसका लाभ ले सकते है !
What is Shukra Stotra ?
शुक्र ग्राह को ही सुखों का महाराजा मना जाता है ! आप अपने जिवन में दुःख का सामना कर रहे है , आपको कोई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , बना हुआ काम विगड़ जाता है , तो अपका शुक्र ग्रह से परेशानी है !
अगर शुक्र ग्रह को शांत करना है तो shukra strotra का पाठ करना होगा ! इससे आपके जीवन का हर परेशानी दूर हो जायेगा ! जीवन में अगर सुखी रहना चाहते हो तो शुक्र स्त्रोत्र का पाठ जरुर करें !
अगर शुक्र ग्रह के कृपा पाना चाहते हो तो कुण्डली में शुक्र की स्थिति उच्च होना चाहिए , अगर ऐसा नहीं है तो आपके कुंडली में शुक्र का स्थान निम्न हुआ तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ेगा ! उस अवस्था में आपको शुक्र स्त्रोत्र का पाठ करने की जरुरत होती है !
Shukra Stotra
नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।1।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।2।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम: ।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।3।।
तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर: ।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।4।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।
त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।5।।
विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।6।।
बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम: ।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।7।।
जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम: ।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।8।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन: ।।9।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।10।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै: ।।11।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।12।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत: ।।13।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि: ।।14।।
Proccess of Shukra Stotra in Hindi
- मन को एकदम साफ रखें , किसी भी प्रकार का द्वेष ,क्लेश नहीं होना चाहिए !
- स्नान आदि करके सफ़ेद या बादामी रंग के साफ कपडे पहने !
- घर को एवं मंदिर को अछे से साफ कर लें !
- सफ़ेद का आसन ले एवं पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएँ !
- ये सारा प्रक्रिया करने के बाद शुक्र देव को ध्यान करते हुए प्रणाम करें !
- स्तोत्र का पाठ शुरू करें
- पाठ ख़त्म होने के बाद सफ़ेद रंग का ही भोग लगायें !
- साफ सुथरा कपडा पहने !
- मन को साफ रखें , किसी भी प्रकार का द्वेष ,क्लेश नहीं होना चाहिए !
- कपडा सफ़ेद ही पहनना है !
- भोग के रूप में सफ़ेद ही होना चाहिए !
Caution of Shukra Stotra
- साफ सुथरा कपडा पहने !
- मन को साफ रखें , किसी भी प्रकार का द्वेष ,क्लेश नहीं होना चाहिए !
- कपडा सफ़ेद ही पहनना है !
- भोग के रूप में सफ़ेद ही होना चाहिए !
Download Shukra Stotra
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