आज के आर्टिकल में Vindheshwari Chalisa Pdf देने वाले हैं ,और साथ ही मै आप लोगो को ये बताने वाले हैं कि इस श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ के क्या फायदे हैं, श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ क्यों करना चाहिए, श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ में किसका पूजा किया जाता है , इसका पूजा कैसे किया जाता है ! तो चलिए जानते हैं कि Vindheshwari Chalisa Pdf कैसे डाउनलोड करेंगे !
Vindheshwari Chalisa in Hindi
यह एक देवी स्तोत्र है, देवी से प्रार्थना की जाती है कि वह कैसी दिखती है, वह हमारे (मानव जाति) के लिए क्या करती है और हम उसका आशीर्वाद कैसे प्राप्त करते हैं ! विंध्येश्वरी दो अत्यंत क्रूर राक्षसों का संहारक है ! अर्थात् निशुंभुआ और शुंभ !
हमारी सुरक्षा के लिए उसके हाथों में हथियार हैं ! वह हमारे जीवन से दुख, दरिद्रता और पीड़ा को भी दूर करती है और हमारे जीवन को सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाती है ! विंध्येश्वरी हमारी रक्षा करने और हमारी मदद करने के लिए हमारे घर आती हैं ! इसलिए हम उनसे प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं !
विंध्यवासिनी या योगमाया माँ दुर्गा के एक परोपकारी स्वरूप का नाम है ! श्री व्यासजी द्वारा रचित महापुराणों में से एक दुर्गा सप्तशती या विंध्यवासिनी पाठ एक ग्रंथ है ,जिसे पढ़ने या पाठ करने पर हर प्रकार का रोग से नवारण एवं कष्ट से मुक्ति मिलता है !
Vindheshwari Chalisa in Hindi
जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥
कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥
दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥
जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥
रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥
तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥
तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥
चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥
बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥
नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥
कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥
बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥
नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥
जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥
नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥
जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥
नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥
नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥
यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥
|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||
How is Vindheshwari worshiped?
जो भी व्यक्ति को विंध्येश्वरी पूजा अर्चना करना हो ,वो अच्छे तरीके से स्नान करके पूरी तरह से स्वच्छ हो ले ! उसके पश्चात् पूजा बाले स्थान को अच्छे तरीके धो लें फर्स को अच्छी तरह से स्वच्छ कर ले ,शुद्ध आसन बनाकर बैठ जाएँ, साथ में शुद्ध जल लेकर बैठें, पूजन सामग्री और श्रीविंध्यवासिनी की पुस्तक साथ में रख लें , माथे पर अपनी पसंद के भस्म या चंदन अथवा रोली लगा लें , तब पूजा का शुभारम्भ करें !
Vindheshwari Precautions
- विंध्येश्वरी पाठ करते समय सबसे पहले तो मन को साफ रखना चाहिए !
- पूजा एकदम सचे भाव से करना चाहिए !
- मन में किसी प्रकार द्वेष एवं क्लेश नहीं रहना चाहिए !
- मन में किसी प्रकार का छल कपट नहीं होना चाहिए !
- पूजा करते समय एक एक वाक्य को अच्छी से उच्चारण करना चाहिए क्योंकि उच्चारण करते समय अगर गड़बड़ हुई तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है !
Vindheshwari Chalisa Benefits
विंध्येश्वरी पाठ करने के बाद आपको बहुत सारे फायदे होते, सबसे पहले तो इसको करने के बाद आपका शरीर स्वास्थ रहेगा , भय मुक्त होगा, रोग मुक्त होगा, धन का लाभ मिलेगा , किसी प्रकार का बाधा में निवारण , पुत्र की प्राप्ति होगा, !
- अलग अलग बाधाओं के निवारण हेतु अलग अलग उपाय दिया गया है !
- श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा के नियिमित पाठ करने से चिंताओं से मुक्ति मिलती है !
- इसका पाठ करने से भय, शंका, ऊपरी बाधा से मुक्ति मिलती है !
- पाठ करने से शत्रु और विरोधियों से छुटकारा मिलता है !
- मां विन्ध्येश्वरी की भक्ति और कृपा दृष्टि बनी रहती है !
- विशेष मनोकामना पूर्ण होता है !
- श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा के पाठ करने से मनचाहा प्रेम की प्राप्त होता है!
- इसका पाठ करने से खोए हुए व्यक्ति को वापस लाना और संतान सुख के लिए कारगर होता है !
Download Vindheshwari Chalisa Pdf
इस Vindheshwari Chalisa Pdf को डाउनलोड करने के लिए आप नीचे दिए गये लिंक से क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है ! या फिर आप इसे खरीद कर भी पढ़ सकते है !
Disclaimer :- हिन्दी ज्ञान किसी भी प्रकार से पायरेसी को बढ़ावा नही देता है, पायरेसी करना गैरकानूनी है, अगर किसी को भी इस pdf से आपति है तो वह मुझसे सम्पर्क कर सकता है, मैं तुरंत इसके ऊपर निर्णय लूँगा !
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